मेरी माँ , तू है एक शहीद की माँ मेरा ठंडा जिस्म देख कर रोना मत।
मेरे माननीय पिता ,मेरे जिस्म के सुखी खुन के छीटों को देख रोना मत।
कहना मेरी मासुम बहना को टुटा नहीं तेरी राखी का धागा तेरे भाई की कलाई से।
मेरा भाई देश के लिये आज शहीद हुआ गर्व से कह देना अपनी प्यारी सखीयो से।
मेरी जीवन संगनी काहे को है तू इतनी उदास , काहे को पोछा यह मांग का सिन्दूर।
मत तोड़ यह कलाई की चूड़िया उठा मेरे खून की बुँदे बना अपनी मांग का सिन्दूर।
कह देना मेरे ललने को , जो आज तेरी गोंद में खेल रहा है , जिसने अभी मुझे देखा भी नही।
हो कर बड़ा बन जाना अपनी भारत माँ का रखवाला ,आतंकवादियों के बारूदों से डरना नहीं।
सुनो एक बार मेरे देश वासियों भुलाकर धर्म और जात बनायो भारत को अपना धरम।
यही है अल्लाह,यही है राम यही है गुरु यही है धाम उठो करो देश के लिए शुभ करम।
(गौरी)
Soldier's Soliloque - Kamlesh Chauhan(Gauri)
Thanks So Much
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